2023-24 Foundation Day

7/10/2023
वसन्त कन्या महाविद्यालय, कमच्छा, वाराणसी दिनांक 10.07.2023 को अपराह्न 12ः30 बजे महाविद्यालय के 69वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन छात्र सलाहकार समिति और आइ. क्यू. ए .सी के सदस्यों ने मिलकर किया। महाविद्यालय की स्थापना 10 जुलाई, 1954 को आदरणीय रोहित मेहता जी के द्वारा की गयी थी। महाविद्यालय की प्रथम प्राचार्या डाॅ॰ लीला शर्मा थी। मात्र 12 छात्राओं से यह महाविद्यालय शुरू किया गया था। वहीं आज कुल 2500 छात्रायें यहाँ स्नातक, परास्नातक, डिप्लोमा/सर्टिफिकेट आदि कोर्सो की डिग्रियां प्राप्त कर रही है। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के कुलगीत से हुआ। जिसका निर्देशन संगीत विभाग की अध्यक्षा प्रो॰ सीमा वर्मा ने किया था। तबले पर संगत किया श्री सौम्यकान्ति मुखर्जी ने। हारमोनियम पर श्रीमती विनीता गुजराती थी। तत्पश्चात् प्रबंधिका महोदया श्रीमती उमा भट्टाचार्या, डाॅ॰ अनुराधा बनर्जी, कार्यवाहक प्राचार्या डाॅ॰ शान्ता चटर्जी एवं अन्य शिक्षिकाओं द्वारा एनीबेसेण्ट के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलित किया गया। तत्पश्चात् स्वागत वक्तव्य डाॅ॰ शान्ता चटर्जी ने दिया। उन्होंने कहा कि - इस महाविद्यालय में सभी शिक्षक सेवा धर्म का पालन करते हुए ही शिक्षण कार्य सम्पन्न करते है। उन्होंने आचार्या दण्डी की बात का उद्धरण देते हुए कहा कि शिक्षा ही वह ज्योति है जो समस्त विश्व को आलोकित करती है। कार्यक्रम की अगली कड़ी में प्रबंधिका महोदया को पौधा देकर सम्मानित किया गया। प्रो॰ पूनम पाण्डेय ने महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो॰ रचना श्रीवास्तव के संदेश का पाठन किया। प्राचार्या ने महाविद्यालय के सभी शिक्षक/शिक्षिकाओं, कर्मचारीगण, छात्र/छात्राओं को स्थापना दिवस की
बधाई
एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इन उनहत्तर वर्षों में महाविद्यालय ने नित नयी ऊँचाइयों को प्राप्त किया है। महाविद्यालय की स्थापना Education As Service के विचार के आधार पर की गयी थी। साथ ही Quality Education पर फोकस किया गया था और आज भी हम Quality Education के प्रति प्रतिबद्ध है। मुख्य वक्ता महाविद्यालय की प्रबंधक श्रीमती उमा भट्टाचार्या ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज का दिन हर्ष,उल्लास और उत्सव का दिन है। आज महाविद्यालय जिस मुकाम पर पहुँचा है वह सराहनीय है। महाविद्यालय की प्रेरणा स्त्रोत डाॅ॰ एनीबेसेण्ट रहीं है। यही से शिक्षा प्राप्त कर यहाँ प्रबंधिका पद पर आना मेरा सौभाग्य है। इस महाविद्यालय की भूमि पवित्र है। किसी भी व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व में कृत्रिमता नहीं लानी चाहिए। हमारी आध्यात्मिकता ही हमे चुनौतियों से लड़ने की ताकत देती है। कार्यक्रम की अगली कड़ी में संगीत विभाग की छात्राओं ने राग मियां मल्हार में ‘बोले रे पपिहरा’ तथा कजरी प्रस्तुत की। तत्पश्चात् तंद्रिमा गांगुली ने गणेश वन्दना की अद्भुत नृत्य प्रस्तुति दी। धन्यवाद ज्ञापन प्रो॰ इन्दु उपाध्याय ने दिया। कार्यक्रम का सुन्दर एवं सुगठित संचालन प्रो॰ पूनम पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम में समस्त शिक्षक- शिक्षिकायें , कर्मचारीगण एवं छात्राएं मौजूद रहीं।
समस्त कार्यक्रम की विस्तृत रिपोर्टिंग डॉ शुभांगी श्रीवास्तव ने की।

© 2017 Vasant Kanya Mahavidyalaya. All rights reserved. Developed by Rangoli IT Solutions